Rukmini Satarkar एक प्रसिद्ध कीर्तनकार और गायक Baba Maharaj Satarkar की पत्नी थीं, जिनका 26 अक्टूबर, 2023 को 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। Rukmini एक सम्मानित कीर्तनकार और गायिका भी थीं, जिन्हें वरकरी साहित्य की गहरी समझ थी। उनका जन्म 5 फरवरी, 1937 को Satara, Maharashtra, भारत में हुआ था और 5 फरवरी, 2023 को 86 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वह अभंग, भजन, भावगीत और नाट्यगीत की प्रस्तुतियों में अपनी कृपा और भक्ति के लिए प्रसिद्ध थीं।
उन्होंने कई गाने भी लिखे और आध्यात्मिकता पर किताबें भी लिखीं। कीर्तन और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जैसे 2010 में पद्म श्री। वह एक प्यारी पत्नी, मां और दादी भी थीं, जो अपने पीछे उत्कृष्टता और जुनून की विरासत छोड़ गईं। इस पोस्ट में, हम उनके life, career, family, net worth और बहुत कुछ के बारे में जानेंगे। हम उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाएंगे।
Rukmini Satarkar Biography Profile
Field | Information |
---|---|
Name | Rukmini Satarkar |
Nick Name | Mai Satarkar |
Date of Birth | February 5, 1937 |
Birth Place | Satara, Maharashtra, India |
Age (as of 2023) | 86 (deceased) |
Gender | Female |
Zodiac sign | Aquarius |
Profession | Kirtankar, Singer, Spiritual Leader |
Nationality | Indian |
Ethnicity | Marathi |
Home Town/State | Satara, Maharashtra, India |
Religion | Hinduism (Varkari sect) |
Hobbies | Singing, reading, travelling |
Marital Status | Married |
Net Worth | N/A |
Early Life and Education
Rukmini Satarkar was born on February 5, 1937, in Satara, Maharashtra, India. She belonged to the Gondhali caste, a nomadic community of musicians and singers in Maharashtra. Her father was Ramchandra Dada Gore, a kirtankar who taught her the art of kirtan and classical music from her childhood. She also had a keen interest in Varakari literature, the devotional writings of Sant Dnyaneshwar, Sant Tukaram and other saints.
Rukmini Satarkar का जन्म 5 फरवरी, 1937 को Satara, Maharashtra, भारत में हुआ था। वह गोंधली जाति से थीं, जो महाराष्ट्र में संगीतकारों और गायकों का एक खानाबदोश समुदाय है। उनके पिता Ramchandra Dada Gore थे, जो एक कीर्तनकार थे, जिन्होंने उन्हें बचपन से ही कीर्तन और शास्त्रीय संगीत की कला सिखाई। उन्हें वारकरी साहित्य, संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम और अन्य संतों की भक्ति रचनाओं में भी गहरी रुचि थी।
Rukmini Satarkar Family Details
Field | Information |
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Father Name | Ramchandra Dada Gore |
Mother Name | N/A |
Brother(s) | N/A |
Sister(s) | N/A |
Husband | Baba Maharaj Satarkar (1989 – his death 2023) |
Children | Four children (two sons and two daughters) |
Career Highlight:
Rukmini Satarkar एक सम्मानित कीर्तनकार और गायिका थीं जिन्हें वरकरी साहित्य की गहरी समझ थी। वह Baba Maharaj के कई कीर्तनों में निरंतर उपस्थिति रखती थीं, साथ ही एक कुशल एकल कलाकार भी थीं। उनकी कृपा और भक्ति उनके अभंगों, भजनों, भावगीतों और नाट्यगीतों की प्रस्तुतियों में प्रदर्शित होती थी। उन्हें अपने गाने खुद लिखने का भी शौक था। उन्होंने संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम और अन्य संतों की शिक्षाओं का प्रसार करने के लिए अपने पति के साथ पूरे भारत और विदेशों में यात्रा की।
उनके कुछ उल्लेखनीय कार्य हैं:
- कीर्तन महोत्सव: Rukmini द्वारा Baba Maharaj और अन्य कीर्तनकारों के साथ भारत और विदेशों में विभिन्न स्थानों पर किए गए कीर्तनों की एक श्रृंखला।
- संतांच संगति: एक पुस्तक जिसमें वारकरी संप्रदाय के विभिन्न संतों की जीवनियाँ और शिक्षाएँ शामिल हैं।
- हरिपथ: संत ज्ञानेश्वर द्वारा रचित अभंगों का संग्रह जो भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है। रुक्मिणी ने उन्हें विभिन्न भाषाओं में गाया और उन पर एक टिप्पणी भी लिखी।
- अमृतवाणी: रुक्मिणी द्वारा रचित अभंगों का संग्रह जो भगवान विट्ठल के प्रति उनकी भक्ति को व्यक्त करता है।
Rukmini Satarkar को कीर्तन और अध्यात्म के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले। उनमें से कुछ हैं:
- कीर्तन रत्न: 2000 में Akhil Bharatiya Marathi Sahitya Sammelan द्वारा सम्मानित।
- संत तुकाराम पुरस्कार: 2002 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदान किया गया।
- पद्म श्री: 2010 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित।
Personal life and death
Rukmini Satarkar का विवाह प्रसिद्ध कीर्तनकार और गायक Baba Maharaj Satarkar से हुआ था। संगीत और भक्ति में उनकी साझेदारी ने कीर्तन और भजन की दुनिया में हलचल पैदा कर दी, एक स्थायी विरासत छोड़ी जो कई लोगों को प्रेरित करती रहती है। उनके चार बच्चे थे: दो बेटे (Rameshwar और Prakash) और दो बेटियाँ (Sunita और Shubhangi)। वे सभी अपने माता-पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए कीर्तनकार बन गये। उनके कई पोते-पोतियां और परपोते-पोतियां भी थे जिन्हें संगीत प्रतिभा विरासत में मिली थी।
Rukmini Satarkar का 5 फरवरी, 2023 को 86 वर्ष की आयु में Nerul, Navi Mumbai स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वह कुछ समय से दिल की बीमारी से पीड़ित थीं। उनकी मृत्यु पर भारत और विदेशों में कई लोगों ने शोक व्यक्त किया और उनके कीर्तन और गीतों की प्रशंसा की। उनका अंतिम संस्कार 6 फरवरी, 2023 को नेरुल में किया गया। अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए Vitthal Rukmini Mandir में रखा गया था।
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