Baba Maharaj Satarkar एक प्रसिद्ध कीर्तनकार और प्रवचनकार थे जिन्होंने अपना जीवन हिंदू धर्म के वारकरी संप्रदाय की सेवा में समर्पित कर दिया। उनका जन्म 5 फरवरी, 1936 को Satara, Maharashtra, India में हुआ था और 26 अक्टूबर, 2023 को 87 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वह अपनी सुरीली आवाज, मनमोहक कथन और गहन ज्ञान के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने विभिन्न भाषाओं में कीर्तन गाए और कई अभंग (भक्ति कविताएँ) की रचना की। उन्होंने किताबें भी लिखीं और संत ज्ञानेश्वर और संत तुकाराम की रचनाओं का अनुवाद भी किया।
कीर्तन और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिले, जैसे 2010 में पद्म श्री। वह एक प्यारे पति, पिता और दादा भी थे, जो अपने पीछे उत्कृष्टता और जुनून की विरासत छोड़ गए। इस पोस्ट में, हम उनके life, career, family, net worth और बहुत कुछ के बारे में जानेंगे। हम उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाएंगे।’
Baba Maharaj Satarkar Biography Profile
Field | Information |
---|---|
Name | Baba Maharaj Satarkar |
Date of Birth | February 5, 1936 |
Birth Place | Satara, Maharashtra, India |
Age (as of 2023) | 87 (deceased) |
Gender | Male |
Zodiac sign | Aquarius |
Profession | Kirtankar, Pravachankar, Spiritual Leader |
Nationality | Indian |
Ethnicity | Marathi |
Home Town/State | Satara, Maharashtra, India |
Religion | Hinduism (Varkari sect) |
Hobbies | Singing, reading, travelling |
Marital Status | Married |
Net Worth | N/A |
Baba Maharaj Satarkar Early Life and Education
Baba Maharaj Satarkar का जन्म 5 फरवरी 1936 को Satara, Maharashtra, India में हुआ था। वह Gore Satarkar family से थे, जिसमें तीन पीढ़ियों से अधिक समय से kirtan और pravachan की परंपरा थी। उनके दादा Dada Maharaj एक प्रसिद्ध कीर्तनकार थे जिन्होंने महाराष्ट्र में कई अन्य कीर्तनकारों को प्रभावित किया था। Baba Maharaj को बचपन से ही उनके दादाजी ने प्रशिक्षित और निर्देशित किया था। उन्होंने चार साल की उम्र में कीर्तन गाना शुरू कर दिया और दादा महाराज की शैली का अनुसरण किया।
Family Details
Baba Maharaj Satarkar was a famous kirtankar and preacher who passed away on October 26, 202312. He was born in a family of kirtankars and his original name was Neelkanth Dnyaneshwar Gore1. Here are some details about his family in a table format:
Field | Information |
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Father Name | Dnyaneshwar Gore (Shankar Maharaj Satarkar) |
Mother Name | Laxmibai Gore |
Brother(s) | One brother (name not found) |
Sister(s) | One sister (name not found) |
Wife/Husband | Rukmini Satarkar (Mai Sahib) |
Children | Two sons (Rameshwar and Prakash) and two daughters (Sunita and Shubhangi) |
Baba Maharaj Satarkar Career Highlight:
Baba Maharaj Satarkar एक प्रसिद्ध कीर्तनकार और प्रवचनकार थे जिन्होंने अपना जीवन वारकरी संप्रदाय की सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने संत ज्ञानेश्वर, Sant Tukaram और अन्य संतों की शिक्षाओं का प्रसार करने के लिए पूरे भारत और विदेशों में यात्रा की। उन्होंने Marathi, Hindi, Kannada और English जैसी विभिन्न भाषाओं में कीर्तन गाया। उन्होंने कई अभंग (भक्ति कविताएँ) भी लिखे और आध्यात्मिकता पर किताबें लिखीं। वह अपनी सुरीली आवाज़, मनमोहक वर्णन और गहन ज्ञान के लिए जाने जाते थे।
उनके कुछ उल्लेखनीय कार्य हैं:
- कीर्तन महोत्सव: बाबा महाराज और अन्य कीर्तनकारों द्वारा भारत और विदेशों में विभिन्न स्थानों पर किए गए कीर्तनों की एक श्रृंखला।
- संतांच संगति: एक पुस्तक जिसमें वारकरी संप्रदाय के विभिन्न संतों की जीवनियाँ और शिक्षाएँ शामिल हैं।
- ज्ञानेश्वरी: संत ज्ञानेश्वर द्वारा मराठी में लिखी गई भगवद गीता पर एक टिप्पणी। बाबा महाराज ने इसका हिंदी और कन्नड़ में अनुवाद किया और ऑडियो फॉर्मेट में रिकॉर्ड भी किया.
- हरिपथ: संत ज्ञानेश्वर द्वारा रचित अभंगों का संग्रह जो भगवान विष्णु की महिमा का वर्णन करता है। बाबा महाराज ने इन्हें विभिन्न भाषाओं में गाया और उन पर टीका भी लिखी।
- अमृतवाणी: बाबा महाराज द्वारा रचित अभंगों का एक संग्रह जो भगवान विट्ठल के प्रति उनकी भक्ति को व्यक्त करता है।
बाबा महाराज को कीर्तन और अध्यात्म के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले। उनमें से कुछ हैं:
- महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार: 1998 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदान किया गया।
- कीर्तन रत्न: 2000 में अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन द्वारा सम्मानित।
- संत तुकाराम पुरस्कार: 2002 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्रदान किया गया।
- पद्म श्री: 2010 में भारत सरकार द्वारा सम्मानित।
Baba Maharaj Satarkar Personal life and death
Baba Maharaj Satarkar का विवाह रुक्मिणी सातारकर से हुआ था, जो एक कीर्तनकार भी थीं। उनके चार बच्चे थे: दो बेटे (रामेश्वर और प्रकाश) और दो बेटियाँ (सुनीता और शुभांगी)। वे सभी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए कीर्तनकार बन गये। बाबा महाराज के कई पोते-पोतियाँ और परपोते भी थे, जिन्हें उनकी संगीत प्रतिभा विरासत में मिली।
Baba Maharaj Satarkar का 26 अक्टूबर, 2023 को 87 वर्ष की आयु में नेरुल, नवी मुंबई में उनके निवास पर निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। उनकी मृत्यु पर भारत और विदेशों में कई लोगों ने शोक व्यक्त किया और उनके कीर्तन और प्रवचनों की प्रशंसा की। उनका अंतिम संस्कार 27 अक्टूबर, 2023 को नेरुल में किया गया। अंतिम संस्कार से पहले उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में रखा गया था।
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